अक्सर आपने सुना होगा जब India तथा Pakistan की लड़ाई तो LOC word का use किया जाता है और इंडिया चीन का जब मामला आता है तो LAC word का use करते है, तो क्या होता है LOC और LAC बाउंड्री तथा साथ में International Boundary को भी जानेंगे।
LOC क्या है
LOC अर्थात Line of Control एक ऐसा बाउंड्री है जो इंडिया पाकिस्तान के बिच युद्ध विराम के बाद बनाया गया है। यह बाउंड्री इंडिया पाकिस्तान के बिच खींची गयी लगभग 740 km लम्बी सीमा रेखा है जिसे 1972 में शिमला समझौता के बाद बहाल किया गया।
यह जम्मू कश्मीर तथा Pakistan occupied Kashmir को अलग करता है। भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में शुरू हुई लड़ाई के बाद जुलाई 1972 में LOC लागू हो गई।
LAC क्या है
LAC अर्थात Line of Actual Control भारत चीन के बीच International Boarder से अलग एक वास्तविक सीमारेखा है जो की लगभग 4050 km लम्बी है।
भारत की position हमेशा से यह रही है की इंडिया चीन के बिच 1885 की जो Johnson Line है वह सही लाइन है, वही सही बाउंड्री है। चीन का मानना है की 1889 की जो McMohan लाइन है वह सही है।
LAC भारतीय नियंत्रित क्षेत्र को चीनी-नियंत्रित क्षेत्र से अलग करता है। यह एक बड़ा खाली क्षेत्र है और भारत और चीन की सेनाओं द्वारा लगभग 50 से 100 किलोमीटर की दूरी बनाए रखी जाती है। चीनी सरकार LAC को लगभग 2,000 किमी मानती है जबकि भारत LAC को 3,488 किमी लंबा मानता है।
LAC को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है: लद्दाख में पश्चिमी क्षेत्र, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मध्य क्षेत्र, और पूर्वी क्षेत्र जो अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम तक फैला है।
1962 में India China के समय जब युद्ध विराम हुआ तो उस समय इंडिया तथा चीन का जहां पोजीशन था उसे Line of Actual Control कहा गया।
1993 में जब India China के बीच एग्रीमेंट हुआ तो उस समय Line of Actual Control शब्द को लीगल मान्यता मिल गयी और फिर 1996 के अग्रीमेंट में भी Line of Actual Control का प्रयोग किया गया।
यह उत्तरी भारतीय राज्यों के तीन क्षेत्रों में बिखरा हुआ है: पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश), पश्चिमी (लद्दाख, कश्मीर), और मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश)।
International Boundary क्या होता है
जब दो देशों के बीच आपसी सहमति से किसी सीमा का निर्धारण किया जाता है तो उसे इंटरनेशनल बाउंड्री कहते है। एक अंतरराष्ट्रीय सीमा संप्रभु राज्यों के बीच की जगह को बताती है। यह वह रेखा है जिस पर दो देशों और पुरे विश्व की सहमति होती है।
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