यह दस्तावेज आवेदक की सहमति की घोषणा करने के लिए वकील द्वारा अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा। वकालतनामा अदालत में आवेदक का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील को अधिकृत करता है।वकालतनाम एक कानूनी दस्तावेज है। Vakalatnama के माध्यम से, व्यक्ति अपनी ओर से अधिवक्ता को न्यायालय की कानूनी कार्यवाही में कार्य करने के लिए अधिकृत करता है। वकालतनाम जो एक कानूनी दस्तावेज है जिसमें वादी, प्रतिवादी और अधिवक्ता से संबंधित विवरण होते हैं, जिसमें अधिवक्ता के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान होता है और अधिवक्ता की नियुक्ति होती है।
आवश्यक बातें:
- किसी भी वाद को अधिवक्ता द्वारा पेश किये जाने के पहले वकालतनामा कोर्ट में दाखिल करना आवश्यक होता है।
- वकालतनामा एक रजिस्टर्ड अधिवक्ता के द्वारा ही दाखिल किया जाता है।
- यदि किसी कारण से पक्षकार उपस्थित नहीं हो पाता हैं तो वकील एक हाजिरी माफी के द्वारा उपस्थिति को माफ करा लेता है।
- वकालतनामा की समय सीमा क्लाइंट या वकील की मृत्यु तक होती है या मुकदमे की समाप्ति तक होती है अथवा पक्षकार द्वारा रद्द करने तक।
- वकालतनामा पर पक्षकार और उसके वकील के हस्ताक्षर होते हैं अगर पक्षकार अनपढ़ है तो उसके अंगूठे का निशान लगाया जाता है।
- एक से अधिक पक्षकार होने के स्थिति में सभी के हस्ताक्षर वकालतनामा पर कराये जाते है।
Vakalatnama कैसे भरा जाता है ?
सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के आदेश 3 नियम 4 के अनुसार भरा जाता है।
- न्यायालय का नाम जिस न्यायालय के समक्ष मुकदमा दायर करना है।
- पक्षकार के नाम।
- वादी अथवा प्रतिवादी का पूरा नाम उसके पिता अथवा पति अथवा संरक्षक का नाम तथा पूरा पता।
- अधिवक्ता का नाम जिसे न्यायलय के समक्ष पेश होने के लिए नियुक्त किया जा रहा है।
- वादी अथवा प्रतिवादी के हस्ताक्षर (एक से अधिक वादी अथवा प्रतिवादी होने के स्थिति में सभी के हस्ताक्षर)।
- अधिवक्ता के हस्ताक्षर।
यह भी जानें:
Law article is very useful