Wednesday, October 16, 2024
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What is Caveat Petition कैविएट याचिका क्या होती है?

Caveat Petition क्या होती है?

इसका मतलब होता है be aware, यह एक लैटिन शब्द है। कैविएट एक सुचना है जो एक पार्टी के द्वारा कोर्ट को दी जाती है जिसमें ये कहा जाता है कि कोर्ट एप्लिकेंट को बिना नोटिस भेजे विपक्षी पार्टी को कोई भी रिलीफ न दें, और ना ही कोई एक्शन ले। यह एक तरह का बचाव होता है जो एक पार्टी के द्वारा लिया जाता है। सिविल प्रोसीजर कोड 148(a) के अंतर्गत Caveat file की जाती है। Caveat फाइल करने वाले व्यक्ति को Caveator कहा जाता है।

कैविएट पिटिशन सिविल प्रोसीजर कोड, सेक्शन 148 a के अंतर्गत फाइल की जाती है।इंडियन कोर्ट में केविएट पिटीशन का मतलब होता है कि आप किसी कोर्ट से अनुरोध कर रहे हैं कि अगर कोई व्यक्ति ने कोर्ट में मामला दर्ज किया है जिसमें आपका कोई वैलिड इंटरेस्ट है तो कोर्ट द्वारा कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए। उस मामले में कोर्ट भी आदेश पारित करने से पहले आपको सुनेगी उसके बाद ही कोर्ट फैसला लेगी।

Caveat Petition एक बचाव होती है, इसका फायदा लोग तब उठाते है जब उन्हें लगता है की कोई वाद जो उनसे सम्बंधित हो, कोई एक्शन लिया जा सकता है। Caveat Petition की वैधता 90 दिनों का होता है यानी कि जिस दिन आप कैविएट पेटिशन कोर्ट में फाइल कर देते है उसके 90 दिनों तक वो इफ़ेक्ट में रहती है।

अगर अपोज़िट पार्टी के द्वारा 90 दिनों के अंदर कोई केस कोर्ट में फाइल किया जाता है तो उससे सम्बंधित आपको कोर्ट से एक नोटिस भेजकर सूचित किया जाता है। एक बार 90 दिनों का टाइम पूरा हो जाता है तो दोबारा आपको कैविएट पीटिशन फाइल करना होता है। आपको कैविएट पिटीशन में अपोज़िट पार्टी का नाम बताना होता है, जिसपर आपको शक होता है कि वे आपके ख़िलाफ़ कोई एक्शन ले सकता है।

Section 148 a CPC  के तहत कैविएट को दायर करने में क्या अधिकार दिए गए हैं?

जब किसी को अंदेशा होता है कि अपोज़िट पार्टी कोई एक्शन लेने वाली है, तो उसी कोर्ट में कैविएट पेटिशन फाइल कर दिया जाता है ताकि अपोज़िट पार्टी कोई भी ऐक्टिविटी जब भी कोर्ट में करेगी तो आपको सूचित कर दिया जाएगा।

Caveat Petition कौन फाइल कर सकता है?

ऐसा व्यक्ति जिसे डर है कि उसके वाद में विपक्षी पार्टी कोई एप्लिकेशन फाइल करने वाली है।  एक बार जब कैविएट फाइल कर दी जाती है तो यह कोर्ट की ड्यूटी होती है कि वे उस caviator को नोटिस भेजें और उस व्यक्ति को वाद के बारे में इन्फॉर्म करें जो उसके खिलाफ फाइल किया गया है।

आम तौर पर कैविएट में किन बातों को होना जरूरी होता है?

कैविएट पेटिशन में निम्न बातों का होना आवश्यक है –

  1. कोर्ट का नाम होना जरूरी है जहाँ पर वाद को फाइल किया जाना है।
  2. अगर वाद का कोई नंबर है तो वो भी उस पर मेंशन करना चाहिए।
  3. उस व्यक्ति का नाम जिसके behalf पर कैबिनेट फाइल की जानी है।
  4. उस वाद की सारी जानकारी।
  5. कविएटर का पूरा पता साफ-साफ लिखा होना चाहिए ताकि उसी पता पर कोर्ट के द्वारा उसे नोटिस भेजा जा सके।
Himanshu
Himanshu
Law graduate from Lucknow University. As someone interested in research work, I am more into reading and exploring the unexplained part of the law. Being a passionate reader, I enjoy reading philosophical, motivational books.
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4 COMMENTS

  1. sir/mm
    Yah Ek Bahut Aachha Prayas Hai Bahut Bahut DhanyaVad. Aap Se Vinamra Nivedan Hai Ki Is Prakriya Ko Jari Rakhe Yadi Yah Nots Download Ho Jata Aaur Bhi Logo Ka Bhala Hota.
    Subhkamna.

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